Russia Ukraine war peace talks agreed to exchange 6000 bodies of soldiers ceasefire Vladimir Putin Western countries enraged

Russia Ukraine war peace talks agreed to exchange 6000 bodies of soldiers ceasefire Vladimir Putin Western countries enraged


Russia Ukraine Peace Talk: रूस-यूक्रेन के बीच तुर्किये के इस्तांबुल में सोमवार (2 जून 2025) को शांति वार्ता को लेकर बैठक हुई. करीब एक घंटे तक चली बैठक में दोनों देशों के तेवर को देखते हुए एक चीज तो साफ हो गई कि रूस-यूक्रेन के बीच तत्काल सीजफायर तो नहीं हो सकता है. हालांकि दोनों देशों के बीच कुछ चीजों को लेकर सहमति भी बनी है.

मारे गए सैनिकों के शवों की अदला-बदली

न्यूज एजेंसी एसोसिएट प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक शांति वार्ता में रूस और यूक्रेन युद्ध में मारे गए 6,000 सैनिकों के शवों की अदला-बदली करने पर सहमत हुए. रूस के प्रतिनिधि मेडिंस्की ने कहा कि ग्रे जोन के जरिए शवों को सौंपा जाएगा. हालांकि जिस क्षेत्र में शवों को आदान प्रदान होगा वहां सीजफायर जरूरी है. मेडिंस्की के अनुसार कुछ फ्रंटलाइन इलाकों के लिए सीजफायर प्रस्तावित किया गया है.

दोनों देशों के बीच स्थायी समिति का गठन होगा

रूस-यूक्रेन के बीच इस शांति वार्ता में 1000-1000 युद्धबंदियों की अदला-बदली पर भी सहमति बनी है. हालांकि इसकी प्रकिया कब शुरू होगी इसकी जानकारी नहीं दी गई है. इसके लिए एक स्थायी समिति के गठन पर दोनों देश राजी हुए हैं. इसके समिति के माध्यम से भविष्य में युद्धबंदियों की अदला-बदली की प्रकिया को तेजी और सुचारू ढंग से पूरा किया जाएगा.

यूक्रेनी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने वाले रक्षा मंत्री रुस्तम उमरोव ने बताया कि वार्ता की मेज पर रूस ने शत्रुता समाप्त करने के लिए क्रेमलिन की शर्तों को बताते हुए एक ज्ञापन प्रस्तुत किया. रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कहा कि यूक्रेन के अधिकारियों को दस्तावेज़ की समीक्षा करने और प्रतिक्रिया पर निर्णय लेने के लिए एक सप्ताह का समय चाहिए. उन्होंने कहा कि यूक्रेन ने 20 जून से 30 जून के बीच शांति वार्ता पर आगे की बातचीत का प्रस्ताव रखा है.

सीजफायर को लेकर रूस की शर्त

रूस की ओर से दिए गए ज्ञापन में सुझाव दिया गया कि यूक्रेन उन चार क्षेत्रों से अपनी सेना वापस ले ले, जिन्हें रूस ने सितंबर 2022 में कब्जा कर लिया था, लेकिन युद्धविराम की शर्त के रूप में कभी पूरी तरह से कब्जा नहीं किया. इसमें कहा गया कि यूक्रेन अपनी धरती पर किसी भी तीसरे देश की सैन्य उपस्थिति पर प्रतिबंध लगा दे.

रूसी दस्तावेज में आगे प्रस्ताव दिया गया, “यूक्रेन मार्शल लॉ समाप्त करे और चुनाव कराए, जिसके बाद दोनों देश एक व्यापक शांति संधि पर हस्ताक्षर कर सकते हैं. यूक्रेन नाटो में शामिल होने के अपने प्रयास को त्याग दे. यूक्रेन अपने सशस्त्र बलों के आकार पर सीमा निर्धारित करेगा और यूक्रेनी भाषा के समान रूसी भाषा को देश की आधिकारिक भाषा के रूप में मान्यता देगा.” हालांकि यूक्रेन और पश्चिमी देशों ने पहले भी मास्को की सभी मांगों को अस्वीकार कर दिया. 



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