Nitish Cabinet 2025: 10वीं बार CM बने नीतीश कुमार, फिर भी बड़े भाई की भूमिका में BJP, सबसे ज्यादा मिनिस्टर, ये शर्त भी मनवाई

Nitish Cabinet 2025: 10वीं बार CM बने नीतीश कुमार, फिर भी बड़े भाई की भूमिका में BJP, सबसे ज्यादा मिनिस्टर, ये शर्त भी मनवाई



बिहार में सत्ता परिवर्तन के बाद नीतीश कुमार ने एक बार फिर मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है. यह उनका 10वां कार्यकाल है, लेकिन इस बार सरकार का स्वरूप पहले जैसा बिल्कुल नहीं है. वर्षों तक जेडीयू जहां एनडीए में बड़ी सहयोगी थी, वहीं अब तस्वीर उलट चुकी है. भाजपा इस नए समीकरण में सबसे प्रभावशाली दल के तौर पर उभरी है.

नई कैबिनेट में भाजपा को चौदह मंत्री पद मिले हैं, जबकि जेडीयू 8 पर ही सिमट गई है. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह स्थिति साफ दिखाती है कि सरकार गठन में भाजपा ने अपनी शर्तें मजबूती से रखीं और नीतीश कुमार को उन्हें स्वीकार भी करना पड़ा.

दो डिप्टी सीएम और स्पीकर पर भाजपा की पकड़

एनडीए की नई सरकार में भाजपा को दो बड़ी उपलब्धियां मिली हैं, दो डिप्टी मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष का पद. पहले कहा जा रहा था कि नीतीश कुमार दो उपमुख्यमंत्री बनाने के पक्ष में नहीं हैं, लेकिन भाजपा ने अपनी रणनीति कायम रखी और सम्राट चौधरी व विजय कुमार सिन्हा दोनों को डिप्टी सीएम बनाने में सफलता प्राप्त की. स्पीकर पद भी भाजपा के ही खाते में है, जिससे विधानसभा पर पार्टी की पकड़ और मजबूत हो जाएगी.

भाजपा ने सामाजिक समीकरण के आधार पर बनाई मंत्री सूची

भाजपा ने अपने मंत्रियों का चयन करते समय सामाजिक संतुलन को केंद्र में रखा. खासकर लवकुश वर्ग और अगड़े समुदाय को प्रमुख भूमिका दी गई. इसी वजह से सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा को शीर्ष पद मिले. इसके साथ ही जिन नेताओं को कैबिनेट में जगह मिली है, उनमें मंगल पांडेय, नितिन नबीन, संजय सिंह टाइगर, अरुण शंकर प्रसाद, सुरेंद्र मेहता, रमा निषाद, लखेंद्र पासवान, नारायण प्रसाद, श्रेयसी सिंह और प्रमोद कुमार चंद्रवंशी शामिल हैं. इसके अतिरिक्त रामकृपाल यादव और दिलीप जायसवाल को भी मंत्रिमंडल में स्थान दिया गया है.

इस बार कैबिनेट में नहीं दिखे नीतीश मिश्रा

पूर्व उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा को इस बार मंत्री पद नहीं मिला, जबकि उनकी जीत का अंतर 2020 की तुलना में अधिक था और माना जा रहा था कि वे दोबारा मंत्री बनेंगे. अंतिम सूची में उनका नाम न होने से राजनीतिक हलकों में काफी चर्चा हुई.

सहयोगियों को भी हिस्सेदारी, लेकिन बेटों को मिली कुर्सी

एनडीए के सहयोगी दलों को भी नई कैबिनेट में जगह दी गई है. चिराग पासवान की एलजेपी (आर) को दो मंत्री पद मिले हैं. जीतन राम मांझी की हम पार्टी को एक स्थान और RLM के उपेंद्र कुशवाहा को भी एक मंत्री पद दिया गया है. दिलचस्प बात यह है कि मांझी और कुशवाहा दोनों ने अपने बेटों को ही कैबिनेट में जगह दिलाई है. जीतन राम मांझी के पुत्र संतोष सुमन और उपेंद्र कुशवाहा के बेटे दीपक प्रकाश इस बार मंत्री बने हैं.

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