Delhi Red Fort Blast: इन तीन एंगलों से हो रही दिल्ली धमाके की जांच, मास्टरमाइंड उमर के साथ साजिश में कौन-कौन शामिल, जल्द होगा खुलासा

Delhi Red Fort Blast: इन तीन एंगलों से हो रही दिल्ली धमाके की जांच, मास्टरमाइंड उमर के साथ साजिश में कौन-कौन शामिल, जल्द होगा खुलासा



दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले के पास हुए कार धमाके ने पूरे शहर में सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है. इस घटना की जांच अब पूरी तरह तेज कर दी गई है. पुलिस और राष्ट्रीय जांच एजेंसियां इस धमाके से जुड़े तीन प्रमुख बिंदुओं पर काम कर रही हैं. विस्तृत जांच में संदिग्धों की भूमिका, हरियाणा के फरीदाबाद से जुड़े नेटवर्क और धमाके में उपयोग किए गए विस्फोटक की प्रकृति को केंद्र में रखा गया है.

धमाके से पहले की सीसीटीवी रिकॉर्डिंग में एक व्यक्ति डॉ. उमर की पहचान हुई है, जो हुंडई i20 कार चला रहा था. यह वही वाहन था जिसमें विस्फोट हुआ. फुटेज के अनुसार, उसने दोपहर करीब तीन बजे के बाद गाड़ी पार्किंग में लगाई और शाम के बाद तक वहीं छोड़ी रही. पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस दौरान उमर ने क्या किया, कहां गया और किससे संपर्क में था. जांच एजेंसियों को संदेह है कि उमर किसी बाहरी नेटवर्क से निर्देश प्राप्त कर रहा था.

फरीदाबाद का कनेक्शन और आतंकी नेटवर्क की जांच

फरीदाबाद में स्थित एक विश्वविद्यालय और वहां के कुछ डॉक्टरों के नाम जांच में सामने आए हैं, जो कि दिल्ली, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में सक्रिय हैं. हाल ही में फरीदाबाद में बड़ी मात्रा में विस्फोटक सामग्री बरामद हुई थी, जिसमें अमोनियम नाइट्रेट भी शामिल था. पुलिस यह जानने की कोशिश कर रही है कि यह सामग्री कहां से आई और किसने इसे डिलीवर किया. टेलीग्राम जैसे एन्क्रिप्टेड चैनलों का भी पता लगाया जा रहा है.

विस्फोट की तकनीक और विस्फोटक की प्रकृति

फॉरेंसिक जांच में यह सामने आया है कि घटना स्थल पर कीलें या धातु के टुकड़े नहीं पाए गए, जो आम तौर पर बड़े धमाकों में नुकसान बढ़ाने के लिए उपयोग किए जाते हैं. इसके बावजूद विस्फोट से कई वाहन क्षतिग्रस्त हो गए और आसपास के भवनों को भी नुकसान पहुंचा. विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह का असर किसी उच्च तकनीक वाले विस्फोटक से ही संभव है. जांच दल अब इस बात की पुष्टि करने में जुटा है कि विस्फोट कैसे हुआ और इसमें किस प्रकार का रासायनिक मिश्रण उपयोग किया गया.

जांच की मौजूदा स्थिति

पुलिस सूत्रों के अनुसार, जांच एजेंसियां तीन स्तरों पर काम कर रही हैं. संदिग्ध उमर की गतिविधियों की गहराई से जांच, फरीदाबाद नेटवर्क की पुष्टि और विस्फोटक की तकनीकी पड़ताल. सभी सुरागों को जोड़कर यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि क्या यह किसी संगठित आतंकी साजिश का हिस्सा था या किसी स्थानीय मॉड्यूल की असफल कोशिश.

ये भी पढ़ें: Delhi Blast: कार चलाने वाले शख्स के चेहरे से हटा पर्दा! जांच एजेंसी ने CCTV फुटेज की मदद से किया खुलासा



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *