AIMIM to Contest Delhi Assembly Elections for the First Time Asaduddin Owaisi Focusing on Muslim Dominated Seats BJP AAP Congress

AIMIM to Contest Delhi Assembly Elections for the First Time Asaduddin Owaisi Focusing on Muslim Dominated Seats BJP AAP Congress


AIMIM to Contest Delhi Assembly Elections: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) इस बार दिल्ली विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमाने जा रही है और पहली बार दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से कम से कम 10 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर रही है.

पार्टी ने पहले ही दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन को मुस्तफाबाद से टिकट दे दिया है. इसके अलावा, पार्टी अन्य 9 सीटों पर भी उम्मीदवार उतारने की योजना बना रही है.  AIMIM ने इन सीटों पर अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए चुनावी प्रचार भी शुरू कर दिया है. 18 दिसंबर को असदुद्दीन ओवैसी ने मुस्तफाबाद में एक रैली भी की.

सिटिंग सीटों पर AIMIM की नजर

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, AIMIM दिल्ली के जनरल सचिव हाजी मेहरदीन रंगरेज ने बताया कि पार्टी सीलमपुर, बाबरपुर, बल्लीमारान, चांदनी चौक, ओखला, जंगपुरा, सदर बाजार, मटिया महल और करावल नगर सीटों पर भी उम्मीदवार उतारने का मन बना चुकी है. इनमें से करीब 8 सीटें मुस्लिम बहुल हैं.

ओवैसी का मुस्लिम नेतृत्व को लेकर बयान

रैली में ताहिर हुसैन के लिए वोट मांगते हुए ओवैसी ने कहा, “ताहिर हुसैन को वोट देकर आप सिर्फ एक व्यक्ति को नहीं चुन रहे हैं, बल्कि आप अपने नेतृत्व को मजबूत कर रहे हैं. कोई भी मुस्लिम नेतृत्व को सहन नहीं करता, लेकिन जब भारत में हर समुदाय के लिए राजनीतिक नेतृत्व बन सकता है, तो मुस्लिमों के लिए क्यों नहीं.” ओवैसी ने इस बयान के जरिए मुस्लिम समाज के राजनीतिक नेतृत्व के सवाल को उठाया.

मुस्लिम क्षेत्र की बदहाल स्थिति पर चिंता

इस बीच, AIMIM के दिल्ली राज्य प्रभारी सय्यद इम्तियाज जलील ने कहा कि पार्टी अपने प्राथमिक क्षेत्रों में सही उम्मीदवार खोजने के लिए एक सर्वेक्षण कर रही है. उन्होंने कहा, “मुस्लिम क्षेत्रों की इंफ्रास्ट्रक्चर की स्थिति बहुत खराब है. वहां की शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं भी पूरी तरह से नकारात्मक स्थिति में हैं. मुस्लिमों ने आम आदमी पार्टी और कांग्रेस का समर्थन किया, लेकिन उन्हें सिर्फ धोखा मिला. इस चुनाव में मुस्लिम समाज बदलाव चाहता है.”

AIMIM इस बार दिल्ली विधानसभा चुनाव में अपने प्रभाव को बढ़ाने की कोशिश कर रही है और मुस्लिम समुदाय के मुद्दों को प्रमुख रूप से उठाते हुए अपनी राजनीतिक जमीन तैयार करने में जुटी है.

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