Tejas Fighter Jet US GE 414 Engine supply team from India is scheduled to visit the US for talks to complete deal

Tejas Fighter Jet US GE 414 Engine supply team from India is scheduled to visit the US for talks to complete deal


Tejas Fighter Jet US GE 414 Engine: अमेरिका भारत को अपना F-16 फाइटर जेट बेचने में सफल नहीं हुआ था. इसके बाद भारत ने स्‍वदेशी तेजस फाइटर जेट के लिए अमेरिका की कंपनी जीई के साथ GE-414 इंजन की डील की थी. कई महीनों से ये कंपनी तेजस फाइटर जेट के लिए इंजन की आपूर्ति को टाल रही है. कंपनी दावा कर रही है कि उसे कलपुर्जें  हासिल करने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. 

इस वजह से अब की फाइटर जेट को लेकर प्लानिंग भी ख़राब हो रही है. ये सब तब हो रहा है, जब पकिस्तान  और चीन पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट बना रहे हैं.इसी कड़ी में  जीई ने भारत से एक और बड़ी मांग भी कर दी है.जीई ने कहा है कि इस डील के लिए भारत को  5 करोड़ डॉलर ज्‍यादा देने होंगे. 

अमेरिका जा रहा है भारत का एक दल 

जीई द्वारा उठाई गई इस मांग के बाद भारत से हिंदुस्‍तान एयरोनॉटिक्‍स की एक टीम अमेरिका जा रही है. इस दौरान ये टीम अमेरिकी कंपनी के अधिकारियों से भारतीय दल GE-414 इंजन पर बातचीत करेगी. भारत चाहता है कि वित्तीय वर्ष खत्म होने से पहले ये डील पक्की हो जाए. भारत जीई के साथ 99 GE-414 इंजन के लिए डील करना चाहता है. इसमें इंजनों की संख्या बढ़ भी सकती है, अगर भारत इस इंजन को भारत के पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट के लिए चुन लिया जाता है. IDRW की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी कंपनी अब 5 करोड़ डॉलर और मांग कर रही है. 

भारत की बढ़ सकती है मुश्किलें 

इस मामले को लेकर भारतीय अधिकारियों का कहना है कि जीई कंपनी जो तकनीक भारत से साझा करने जा रही है, उससे देश को काफी ज्यादा मदद मिलेगी.अगर साल 2023 के स्‍तर की बात करें तो यह पूरा समझौता 1 अरब डॉलर तक हो सकता है. एचएएल ने अब जीई से कई दस्‍तावेज मांगे हैं ताकि उसके प्रस्‍ताव की समीक्षा करने को कहा है. जीई के इस इंजन को एलसीए तेजस मार्क 1ए और मार्क 2 में प्रयोग किया जाएगा. 

उन्होंने आगे कहा, “जीई के इंजन में देरी के कारण भारत का एलसीए मार्क 2 पिछड़ सकता है जो 4.5 पीढ़ी का होगा. ये विमान मिराज 2000, जगुआर और मिग 29 फाइटर जेट की जगह लेगा.”



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