विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार (16 नवंबर) को माइक्रोनेशिया के विदेश सचिव लोरिन एस रॉबर्ट के निधन पर शोक व्यक्त किया. एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा, “माइक्रोनेशिया के विदेश सचिव लोरिन एस रॉबर्ट के निधन के बारे में जानकर गहरा दुख हुआ. मैं उनके परिवार और माइक्रोनेशिया के लोगों के प्रति अपनी संवेदनाए व्यक्त करता हूं”
इससे पहले 3 नवंबर को एस जयशंकर ने संघीय माइक्रोनेशिया राज्यों (एफएसएम) को उनके स्वतंत्रता दिवस पर शुभकामनाएं दी थीं. एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा, “विदेश सचिव लोरिन एस. रॉबर्ट और संघीय माइक्रोनेशिया राज्यों की सरकार और लोगों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं.” भारत और माइक्रोनेशिया के बीच मैत्रीपूर्ण संबंध हैं.
प्रशांत द्वीपीय देशों के लिए परियोजना
भारत-यूएनडीपी निधि के अंतर्गत प्रशांत द्वीपीय देशों (पीआईसी) के लिए 7 जलवायु पूर्व चेतावनी प्रणालियां नाम की परियोजना प्रगति पर है. इसका उद्देश्य 7 प्रशांत द्वीपीय देशों की सरकारों की जलवायु संबंधी आपदाओं के लिए तैयारी करने, उनका जवाब देने और उनसे उबरने की क्षमता को बढ़ाना है.
सौर ऊर्जाकरण में एफएसएम की मदद कर रहा भारत
भारत-यूएनडीपी कोष के माध्यम से 1 मिलियन अमेरिकी डॉलर की लागत वाली माइक्रोनेशिया की राष्ट्रीय लैंगिक मशीनरी को सुदृढ़ बनाने के लिए एफएसएम की सहायता कर रहा है. सभी प्रशांत द्वीप समूहों में राष्ट्राध्यक्षों के आवास/कार्यालयों के सौर ऊर्जाकरण की परियोजना के एक भाग के रूप में भारत यूएनडीपी कोष के अंतर्गत राष्ट्राध्यक्षों के आवास/कार्यालयों के सौर ऊर्जाकरण में भी एफएसएम की सहायता कर रहा है.
भारत-प्रशांत द्वीपसमूह सहयोग मंच की भारत ने की थी मेजबानी
सितंबर में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने न्यूयॉर्क में भारत-प्रशांत द्वीपसमूह सहयोग मंच (FIPIC) के विदेश मंत्रियों की बैठक (FMM) की मेज़बानी की थी, जिसमें FIPIC-III शिखर सम्मेलन में 12-सूत्रीय कार्य योजना की प्रगति को लेकर चर्चा की गई थी. 80वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा के अवसर पर आयोजित इस बैठक में स्वास्थ्य, प्रौद्योगिकी, क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण पर ध्यान केंद्रित करते हुए प्रशांत द्वीप देशों के विकास साझेदार के रूप में भारत की भूमिका का जिक्र किया गया.
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