‘बिहार के CM नीतीश कुमार थे, हैं और रहेंगे…’, गायघाट में JDU का शक्ति प्रदर्शन, प्रत्याशी कोमल सिंह के भाषण ने सबको चौंकाया

‘बिहार के CM नीतीश कुमार थे, हैं और रहेंगे…’, गायघाट में JDU का शक्ति प्रदर्शन, प्रत्याशी कोमल सिंह के भाषण ने सबको चौंकाया


उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार बिहारियों की शान और पहचान हैं. “हम बिहारियों का मान-सम्मान हमारे मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने हर तबके के विकास के लिए काम किया.”

उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार बिहारियों की शान और पहचान हैं. “हम बिहारियों का मान-सम्मान हमारे मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने हर तबके के विकास के लिए काम किया.”

कोमल सिंह ने भावुक होते हुए कहा कि उनके पिता हमेशा कहते थे एक नेता की सबसे बड़ी पूंजी जनता होती है. उन्होंने भीषण गर्मी में मौजूद भीड़ को धन्यवाद देते हुए कहा, “आपने इस बेटी को जो आशीर्वाद दिया है, उसके लिए मैं सिर झुका कर प्रणाम करती हूं.”

कोमल सिंह ने भावुक होते हुए कहा कि उनके पिता हमेशा कहते थे एक नेता की सबसे बड़ी पूंजी जनता होती है. उन्होंने भीषण गर्मी में मौजूद भीड़ को धन्यवाद देते हुए कहा, “आपने इस बेटी को जो आशीर्वाद दिया है, उसके लिए मैं सिर झुका कर प्रणाम करती हूं.”

उन्होंने लोगों से अपील की कि अगर वे तीर निशान पर बटन दबाते हैं तो वे सिर्फ उन्हें नहीं, बल्कि नीतीश कुमार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, चिराग पासवान, उपेंद्र कुशवाहा, और जीतन राम मांझी के हाथों को मजबूत करेंगे. महागठबंधन पर निशाना साधते हुए कोमल सिंह ने कहा कि 1990 से 2005 तक बिहार में जो सरकार रही, उसने राज्य को पिछड़ेपन की ओर धकेल दिया. उन्होंने कहा, “पिछले 10 सालों से गायघाट में एनडीए का विधायक नहीं होने के कारण क्षेत्र विकास से वंचित रह गया. लेकिन इस बार जनता बदलाव चाहती है.”

उन्होंने लोगों से अपील की कि अगर वे तीर निशान पर बटन दबाते हैं तो वे सिर्फ उन्हें नहीं, बल्कि नीतीश कुमार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, चिराग पासवान, उपेंद्र कुशवाहा, और जीतन राम मांझी के हाथों को मजबूत करेंगे. महागठबंधन पर निशाना साधते हुए कोमल सिंह ने कहा कि 1990 से 2005 तक बिहार में जो सरकार रही, उसने राज्य को पिछड़ेपन की ओर धकेल दिया. उन्होंने कहा, “पिछले 10 सालों से गायघाट में एनडीए का विधायक नहीं होने के कारण क्षेत्र विकास से वंचित रह गया. लेकिन इस बार जनता बदलाव चाहती है.”

उन्होंने कहा कि जब महागठबंधन के नेता जनता के बीच जाएंगे, तो वे अपने काम नहीं गिनाएंगे, बल्कि जात-पात और धर्म के नाम पर लोगों को बांटने की कोशिश करेंगे.  कोमल सिंह ने एकजुटता का संदेश देते हुए कहा, “जब हम बिहार से बाहर जाते हैं, तो कोई नहीं पूछता कि हम किस जाति या धर्म से हैं. हमसे सिर्फ पूछा जाता है कि हम कहां के हैं और हम गर्व से कहते हैं कि हम बिहारी हैं.”

उन्होंने कहा कि जब महागठबंधन के नेता जनता के बीच जाएंगे, तो वे अपने काम नहीं गिनाएंगे, बल्कि जात-पात और धर्म के नाम पर लोगों को बांटने की कोशिश करेंगे. कोमल सिंह ने एकजुटता का संदेश देते हुए कहा, “जब हम बिहार से बाहर जाते हैं, तो कोई नहीं पूछता कि हम किस जाति या धर्म से हैं. हमसे सिर्फ पूछा जाता है कि हम कहां के हैं और हम गर्व से कहते हैं कि हम बिहारी हैं.”

उन्होंने कहा कि “बिहार का जात भी बिहारी है, धर्म भी बिहारी है और पहचान भी बिहारी.” इसलिए वोट भी बिहार के विकास के नाम पर ही देना चाहिए.  महागठबंधन पर तंज कसते हुए कोमल सिंह ने कहा, “जब वो लोग आपके बीच आएं, तो उनसे कहिए  अपने बच्चों की आंखों में देखकर बताओ, क्या मंजूर है तुम्हें वो 90 का दशक?” उन्होंने दावा किया कि “महागठबंधन का सिर झुक जाएगा या फिर वो खुद भी तीर निशान पर बटन दबा देंगे.”

उन्होंने कहा कि “बिहार का जात भी बिहारी है, धर्म भी बिहारी है और पहचान भी बिहारी.” इसलिए वोट भी बिहार के विकास के नाम पर ही देना चाहिए. महागठबंधन पर तंज कसते हुए कोमल सिंह ने कहा, “जब वो लोग आपके बीच आएं, तो उनसे कहिए  अपने बच्चों की आंखों में देखकर बताओ, क्या मंजूर है तुम्हें वो 90 का दशक?” उन्होंने दावा किया कि “महागठबंधन का सिर झुक जाएगा या फिर वो खुद भी तीर निशान पर बटन दबा देंगे.”

Published at : 29 Oct 2025 11:12 AM (IST)



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *